आंकड़े सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक द्वारा किये गए अध्ययन के आधार पर :
दैनिक जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पादों में मौजूद जहरीले रसायनों का अध्ययन किया गया।
अध्ययन का उद्देश्य:
- इस बारे में जानकारी हासिल करना कि अलग-अलग आर्थिक स्थिति के परिवार किस-किस ब्राण्ड के कौन-कौन से उत्पाद कितनी-कितनी मात्रा में रोजाना इस्तेमाल कर रहे हैं।
- इन उत्पादों में कौन-से जहरीले रसायन मौजूद हैं।
- रोजाना इस्तेमाल की चीजों में मौजूद जहरीले रसायनों से मानव स्वास्थ्य पर कौन-से दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं।
अध्ययन विधि:
इस अध्ययन के लिए व्यक्तिगत सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया गया। इसके अन्तर्गत सर्वेक्षणकर्ताओं ने अलग-अलग परिवारों में जाकर उनके सदस्यों से एक प्रष्नावाली के आधार पर कई प्रश्न पूछे और उनके उत्तर दर्ज किए। उत्तरों में प्रस्तुत आँकड़ों का फिर विश्लेषणकिया गया और नतीजे निकाले गए।
परिवारों का चयन:
इस अध्ययन के लिए 17 मोहल्लों के 200 परिवारों को लिया गया, जिनमें निम्न, मध्यम एवं उच्च वर्ग के परिवार शामिल थे। इन तीनों वर्गों में लगभग समान संख्या में परिवारों के चयन के साथ सर्वेक्षण हेतु 10 प्रश्नों की एक प्रश्नावली तैयार की गई। जिसमें घरों में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद, उनके ब्राण्ड के नाम, माह में खपत, कीमत एवं परिवार में इस्तेमाल करने वाले सदस्य, उनकी उम्र व लिंग की जानकारी दर्ज करने की व्यवस्था की गई। इस प्रश्नावली में 20 परिवारों की जानकारी दर्ज कर यह देखा गया कि प्रश्नावली व्यावहारिक तौर पर ठीक बनी है या नहीं। तत्पश्चात इसमें आवश्यक सुधार कर 200 परिवारों में सर्वेक्षण पूरा किया गया।
मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पाद
भोपाल और इस जैसे शहरों में बसाहट के विकास के साथ जल निकास
की व्यवस्था न होने के कारण ख़ासकर बरसात के महीनों में मलेरिया महामारी सा फैलता है।
मच्छरों से बचने के लिए सामुदायिक प्रयासों के अभाव में लोग मच्छरों
की समस्या के व्यक्तिगत समाधान के तौर पर मच्छर भगाने या मारने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करते
हैं। इन उत्पादों से मच्छर और मलेरिया से बचाव तो हो जाता है, पर लोग ज़हरीले रसायनों की चपेट में आ जाते हैं। जब हमने लोगों
से पूछा कि क्या मच्छर से बचाव के उत्पादों के इस्तेमाल से उन्हें किसी प्रकार की तकलीफें
होती हैं तो कई लोगों ने बताया कि उन्हें इसके इस्तेमाल से साँस लेने में तकलीफ़, आँखों में जलन, घुटन, बैचेनी, सिरदर्द, सर्दी-खाँसी, एलर्जी आदि तकलीफें
होती हैं।
मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल होने वाला उत्पाद
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रसायन का नाम
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शरीर पर दुष्प्रभाव
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मच्छर अगरबत्ती
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पायरेथ्रम27-28
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लम्बे समय तक या बार-बार सम्पर्क में आने पर चमड़ी की बीमारी होती है।
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मच्छर अगरबत्ती
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एसबायोथ्रिन29
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लीवर और गुर्दों को नुकसान पहुँच सकता है।
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मच्छर अगरबत्ती
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ब्यूटाईलेटेड हाइड्रोक्सीटाॅलुइन35-36
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खून में विषाक्तता, लीवर, केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र के लिए हानिकारक और कैंसर कारक
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मच्छर अगरबत्ती
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पायपेरानिल ब्यूटाक्साईड (PBO)51
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कैंसर कारक
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आयमीप्रोथिन18
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त्वचा और आँखों में जलन और किसी भी तरह से शरीर में अन्दर जाने पर उल्टी, मितली, छींके आना, नाक बहना, घुटन और दमा जैसी
तकलीफें
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हिट रेड स्प्रे
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सायपरमेथ्रिन20
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फेफड़ों को नुकसान, मितली, उल्टी, हाजमे की गड़बड़ी, दस्त, माँसपेषियों में जकड़न, बेहोषी छाना या श्वसन
तन्त्र का काम करना बन्द हो सकता है।
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हिट रेड स्प्रे
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एरोसाल30
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अधिक सम्पर्क में
रहने से चक्कर, एकाग्रता में कमी और चक्कर आना। अत्यधिक
मात्रा से दिमाग़ी एवं दिल सम्बन्धी गड़बडि़याँ
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हिट ब्लैक स्प्रे
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प्रोपाक्सर91
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इस रसायन का चूहों
पर किए गए अध्ययन बताते हैं कि इससे मूत्राषय एवं गर्भाषय में गठान हो सकती है।
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हिट ब्लैक स्प्रे
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आयसोप्रोपिल एल्कोहाल92
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बार-बार सम्पर्क में आने पर सिरदर्द, चक्कर आना, भ्रम, शरीर पर नियन्त्रण में कमी, बेहोषी छाना और मृत्यु
तक हो सकती है एवं यह जिगर और गुर्दों पर भी असर डालता है।
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हिट ब्लैक स्प्रे
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पेट्रोलियम डिस्टिलेट95
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साँस की पुरानी तकलीफों
को बढ़ा देता है।
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गुड नाईट रिफिल
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प्रेलेथ्रिन96-98
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त्वचा, आँख एवं फेफड़ों में जलन होना।
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गुड नाईट रिफिल
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ट्रान्सफ्लूथ्रिन99
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इससे मूत्राषय का
कैंसर हो सकता है, मछलियों के लिए बेहद
ज़हरीला है।
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अब सवाल ये उठता है कि रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले इन ज़हरीले
रासायनिक उत्पादों की जगह हम क्या इस्तेमाल करें? पहली नज़र में हमें
कोई विकल्प दिखता नहीं। लगता है हानिकारक रसायनों के बग़ैर दिनचर्या सम्भव नहीं है, पर आस-पास नज़र दौड़ाने पर, थोड़ी छानबीन से हमें
पता चलता है कि ये विकल्प हमारे चारों ओर मौजूद हैं। बस उन्हें अपनाने की ज़रूरत है।
हम पाएँगे कि हमारी दादी-नानी द्वारा बताए गए नुस्ख़े आज भी पहले की तरह ही सुरक्षित
एवं कारगर हैं:-
मच्छरों से बचाव:-
- मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।
- नीम की पत्तियों का धुआँ करें।
- शरीर पर नीम का तेल लगाएँ।
- ऐसे उपाय करें कि घरों के आस-पास मच्छर न पनप सकें। अगर घर के आस-पास गड्ढों में पानी जमा है तो उसमें गम्बूषिया मछली या गाडि़यों से निकला जला हुआ तेल या मिट्टी का तेल (केरोसीन) डाल दें, छोटा गड्ढा होने पर मिट्टी से भर दें। जिससे मच्छरों के लार्वा इसमें न पनप सकें।